स्वीकार दिवस

जीवन का सारा द्वन्द अस्वीकार से ही पैदा होता है । और अस्वीकार से संताप पैदा होता है । अस्वीकार का अर्थ है जीवन के ऊपर अपनी इच्छा थोपना, जीवन को संचालित करने का प्रयास करना । कोई कैसे जीवन को संचालित कर सकता है ?! जीवन एक गहन रहस्य है । कितना विशाल ! फिर भी हम इसे संचालित करने की ज़िद करते हैं । हम इसे ठीक से समझ ही पाएँ इतना ही बहुत है । जो भी समझता है, स्वीकार करता है । केवल नासमझ ही संचालन चाहते हैं ।