प्रतीक्षा दिवस

जो प्रतीक्षा करने को तैयार है वह अंततः सब कुछ पा ही लेगा । और जो जितनी गहन प्रतीक्षा कर सकेगा वह जीवन के उतने गहनतम रहस्यों को जान पाएगा । प्रेम और सत्य अस्तित्व के गहनतम रहस्य हैं । इसीलिए प्रेमियों और साधकों को प्रतीक्षा में डूबने की कला सीखनी होगी । प्रतीक्षा करनी नहीं है उसमें डूबना है । करना तो सतह पर ही होता है, डूबने में गहराई है । तो बस डूबते जाएँ । गहरे, और गहरे, इतने गहरे कि फिर न कोई प्रतीक्षारत हो और न कोई प्रतीक्षित । बस हो प्रतीक्षा । एक शून्य प्रतीक्षा ।