मौन दिवस

मौन का अर्थ है विचारशून्य होना, विचारों के शोर से मुक्त होना । असली मौन अंतस का मौन है । क्योंकि बाहर का मौन तो साधा जा सकता है, बाह्य मौन का अभिनय किया जा सकता है । लेकिन जब तक अंतस मौन न खिले, बाह्य मौन निरर्थक है ।
            और जिसने अंतस मौन को साध लिया उसने परम शांति का रहस्य जान लिया । एक क्षण के लिए भी जब हम अंदर रिक्त होते हैं एक अनोखी शांति से भर जाते हैं । और इस शांति में जीवन के सारे दुख, सारे संताप, सारी पीड़ा मिट जाती है । ये शांति ही हमारे जीवन की अंतरतम प्यास है ।