प्यार की लहर
ये प्यार भी एक लहर ही है
जब उठ जाए तो उठ जाए
तुम डरना मत
बस चढ़ जाना इस पर
और आगे बढ़ जाना
जैसे कोई नन्हा बच्चा
मां के कंधों पर बैठा
सैर को निकला हो
यह पूछना मत
"हम कहां चले?"
यह जहां चले
बस चल पड़ना
आगे क्या होने वाला है
पीछे क्या छूटा जाता है
इन भंवर जाल में मत पड़ना
यह लहर उठी एक क्षण को है
जाने कब गिरकर मिट जाए
इसके पहले यह गिर जाए
तुम उठ जाना